Saturday, December 17, 2022

Creation of model family.

 






परिवार एक मजबूत इकाई है।जो व्यक्ति को एक उचित मार्ग देता है।जिस मार्ग पर चलकर व्यक्ति उन्नत करता है।अपने परिवार के लिए एक सीख बनता है।यह सीख परिवार के आने वाली पीडियो के लिए उन्नत बनती है।इस तरह से परिवार की भूमिका बडती जाती है।और परिवार एक मूल मंत्र बनता जाता है।व्यक्ति को परिवार का अनुसरण करना चाहिए।जो परिवार का अनुसरण करता है। वही व्यक्ति बनता जाता है।जो व्यक्ति परिवार का अनुसरण नही करता है।विनास की ओर चला जाता है।जब उसे अपनी भूल का वोध होता है।तब वह अपने परिवार की तरफ लौटने लगता है।जीवन में कभी न कभी अपनी भूल का वोध जरूर होता है।तभी परिवार संसार की मूल इकाई है।संसार में जो परिवार विकास की ओर अग्रसर नही है। इन परिवार से सीख लेते है।और अपने परिवार को विकास की ओर अग्रसर करते है।परिवार का विधुतीकरण तेजी से होता है।कुछ समय के बाद एक मोडल परिवार का निर्माण होता है।यही असली परिवार होता है।जो हम प्राचीन काल में थे।हमारे पास एक स्थाई परिवार होता है।और किसी भी बाहरी शक्ति का सामना कर सकते है।







The family is a strong unit. Which gives a proper path to the person. The path on which the person improves. A lesson is formed for his family. This learning becomes advanced for the coming generations of the family. In this way the family The role of family increases. And the family becomes the basic mantra. One should follow the family. Who follows the family. He becomes the same person. The person who does not follow the family. Goes towards destruction. When he realizes his mistake. Then he starts returning to his family. Sometime in life he realizes his mistake. It definitely happens. Only then the family is the basic unit of the world. The family in the world is not moving towards development. Let's learn from these family. And lead our family towards development. Electrification of family happens fast. After some time a modal family is formed. This is the real family. Which we were in ancient times .We have a stable family. And can face any external force.


परिवारः एकः दृढः एककः अस्ति।यत् व्यक्तिं सम्यक् मार्गं ददाति।यस्मिन् मार्गे व्यक्तिः उन्नतिं करोति।तस्य परिवारस्य कृते पाठः निर्मितः भवति।एतत् शिक्षणं कुटुम्बस्य आगामिनां पीढीनां कृते उन्नतं भवति।एवं प्रकारेण परिवारः The role of family increases.कुलं च मूलमन्त्रं भवति।कुटुम्बम् अनुसृत्य कः कुटुम्बम् अनुवर्तते। सः एव व्यक्तिः भवति।यः व्यक्तिः कुटुम्बं न अनुसरति।विनाशं प्रति गच्छति।यदा सः स्वस्य त्रुटिं अवगच्छति।ततः सः स्वपरिवारं प्रति प्रत्यागन्तुं आरभते।जीवने कदाचित् सः स्वस्य त्रुटिं अवगच्छति।निश्चयेन भवति।तदा एव परिवारः भवति the basic unit of the world.जगति परिवारः विकासं प्रति न गच्छति। एतेभ्यः परिवारेभ्यः शिक्षेम।तथा च अस्माकं परिवारं विकासं प्रति नेतव्यम्।परिवारस्य विद्युत्करणं शीघ्रं भवति।किञ्चित्कालानन्तरं मोडलपरिवारस्य निर्माणं भवति।एतत् एव वास्तविकपरिवारः।यस्य वयं प्राचीनकाले आसन्।अस्माकं स्थिरपरिवारः अस्ति।तथा च सामना कर्तुं शक्नुमः बाह्यबलं किमपि ।



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