Emperor's role.
सम्राट अपनी प्रजा पर राज्य करता है।प्रजा सम्राट के आदेश का पालन करती है।सम्राट प्रजा के लिए नियम दया ध्यान में रख कर बनाता है।नियम का प्रभाव प्रजा पर अच्छा पढे।अगर प्रजा नियम का विरोध करती है। तो उसे कठोर दण्ड देना चाहिए।प्रजा में भय बहुत जरूरी है।नियमो का निर्माण दया ध्यान में रख कर बनाया जाता है।सम्राट को अपने समराज्य का विस्तार करने के लिए अनुभव बहुत जरूरी है।तभी प्रजा का विस्तार हो सकता है।सम्राट को यह अनुभव शिक्षा से मिल सकता है।शिक्षा अन्धकार का नाष करती है।और प्रकाश की ओर ले जाती है।प्रजा का सम्राट क्रोधी सुभाव का है।तो प्रजा का अन्त निश्चित है।क्रोध व्यकित को अन्धकार की ओर ले जाता है।सम्राट को अपने व्यहार में सुधार करना चाहिए।सह स्वयम का भी पतन करता है।सम्राट का इतिहास जीवन्त तभी रहेगा। जब उसको स्वंम पर विश्वास हो।सम्राट का समराज्य प्रजा पर हटता है।तो प्रजा राक्षसी व्यहार करती है।एक दिन पूर्ण पतन हो जाता है।सम्राट का समराज्य प्रजा पर बहुत जरूरी है।सम्राट गुप्त विधियो से भी प्रजा पर नियन्त्रण रखे।प्रजा में भय बहुत जरूरी है।कोई भी काम हो प्रारम्भ में बहुत कठिन होता है।और धीरे धीरे सरल होता जाता है।प्रजा का दिल सम्राट होता है।हम चाहे छोटे स्तर पर देखे या बडे स्तर पर सम्राट(प्रधानाध्यापक) का योगदान मुख्य है ।सम्राट जितना योग्य होगा ।प्रजा का विकाश उतना होगा।जब हम पूर्ण रूप से डिजिटल हो जाये।तो हम समझ जाये हमारा विकाश पूर्ण रूप से हो गया।
सम्राट् स्वप्रजानां उपरि शासनं करोति प्रजाः सम्राट् आज्ञां पालयन्ति सम्राट् दया मनसि कृत्वा प्रजानां कृते नियमं करोति।नियमस्य प्रभावः प्रजासु उत्तमः भवेत्।प्रजाः नियमस्य विरोधं कुर्वन्ति चेत्। अतः तस्य कठोरदण्डः दातव्यः प्रजेषु भयम् अतीव महत्त्वपूर्णम् अस्ति।दयाम् मनसि धारयित्वा नियमाः क्रियन्ते सम्राट् स्वसाम्राज्यस्य विस्ताराय अनुभवः अतीव आवश्यकः।तदा एव प्रजाः विस्तारं कर्तुं शक्नुवन्ति सम्राट् प्रति एषः अनुभवः प्राप्तुं शक्यते through education.शिक्षा अन्धकारं नाशयति।प्रकाशं च नयति।जनराजः क्रोधस्य अस्ति।अतः प्रजानां अन्तः निश्चितः।क्रोधः अन्धकारं प्रति नेति।सम्राट् प्रति व्यवहारं सुधारयितुम् अर्हति।सः अपि आत्मनः अवनतिं करोति .तदा एव सम्राटस्य इतिहासः जीवितः भविष्यति। यदा तस्य आत्मनः विषये विश्वासः भवति।सम्राट् साम्राज्यं प्रजासु व्यावर्तते।तदा प्रजा राक्षसी व्यवहारं कुर्वन्ति।एकदा पूर्णतया पतनम् भवति।प्रजासु सम्राट् साम्राज्यं बहु महत्त्वपूर्णं भवति।सम्राट् गुप्तरूपेण अपि प्रजान् नियन्त्रयेत् methods.भयम् मयि अतीव महत्त्वपूर्णम् अस्ति।किमपि कार्यं आरम्भे अतीव कठिनं भवति।तथा च क्रमेण तत् सुलभं भवति।जनस्य हृदयं सम्राट् भवति।अल्पस्तरस्य वा बृहत्स्तरस्य वा वयं पश्यामः, योगदानस्य... emperor (headmaster) is the main यावत् अधिकं सम्राट् समर्थः भविष्यति।तत् जनस्य विकासः भविष्यति।यदा वयं पूर्णतया डिजिटलाः भवेम।तदा वयं अवगच्छामः यत् अस्माकं विकासः पूर्णतया कृतः।
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